घुटने का दर्द! ये दो शब्द सुनते ही ज्यादातर लोगों के चेहरे पर परेशानी आ जाती है. चलने-फिरने में दिक्कत, सीढ़ियां चढ़ने में तकलीफ, ये सब घुटने के दर्द के आम लक्षण हैं. कई बार दवाइयां और फिजियोथेरेपी भी राहत नहीं दे पाती. ऐसे में घुटने की आर्थ्रोस्कोपी (Knee Arthroscopy) एक कारगर इलाज बनकर सामने आता है.
घुटने की आर्थ्रोस्कोपी एक मिनिमली इनवेसिव सर्जरी (Minimally Invasive Surgery) है. इसमें घुटने के अंदरूनी हिस्से को जांचने और इलाज करने के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है. पारंपरिक सर्जरी के विपरीत, इसमें घुटने पर बहुत छोटा चीरा लगाया जाता है
ऑपरेशन से पहले आपको जेनरल या स्पाइनल एनेस्थीसिया (General or Spinal Anesthesia) दिया जाता है.
घुटने पर दो या तीन छोटे चीरे लगाए जाते हैं.
एक चीरे से एक पतली, लचीली ट्यूब डाली जाती है, जिसके सिरे पर कैमरा और लाइट लगी होती है. कैमरे से घुटने के अंदर का हिस्सा बड़े स्क्रीन पर दिखता है.
अन्य चीरों से सर्जिकल उपकरण डाले जाते हैं, जिनकी मदद से डॉक्टर घुटने की समस्या को दूर करते हैं.
प्रक्रिया पूरी होने के बाद चीरों को बंद कर दिया जाता है.
घुटने की कई समस्याओं के इलाज के लिए आर्थ्रोस्कोपी की जा सकती है, जिनमें शामिल हैं:
मेनिस्कस टियर (Meniscus Tear)
लिगामेंट की चोट (Ligament Injury)
कैप्सूलिटिस (Capsulitis)
गठिया (Arthritis) के शुरुआती चरण
1.पारंपरिक सर्जरी के मुकाबले कम दर्द
2. छोटे चीरे और जल्दी ठीक होना
3.अस्पताल में कम रहना
4.तेजी से रिकवरी
घुटने की आर्थ्रोस्कोपी घुटने के दर्द से निजात पाने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है. अगर आप घुटने के दर्द से परेशान हैं तो ऑर्थopedic surgeon (हड्डी रोग विशेषज्ञ) से सलाह लें. वो आपकी जांच करके बताएंगे कि क्या आपके लिए आर्थ्रोस्कोपी उपयुक्त है.
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